साथियो जरा फिल्मी अंदाज में इन्हें भी गुनगुनाइये
[१]
आया न मुझको ब्लॉग ये लिखना,फिर भी इसे हम लिखते है.
कोई नही जब इसको पढता , खुद ही कसम से पढते हैं
[२]
एक हमें ब्लॉग की लिखाई मार गई
दूसरी यह बीबी की लड़ाई मार गई
तीसरी अग्रेजो की पढाई मार गई
बाक़ी जो कुछ बचा तो ,तन्हाई, मार गई ,महगाई मार गई.
[३]
अजी पोस्ट करके,कहाँ जा रहे हो
यहाँ टिप्पणी क्या नहीं पा रहे हो
[४]
एक दो तीन, चार पाच छह सात आठ नव दस ग्यारह बारह तेरा
तेरा करू रुक रुक के मै,इंतज़ार ,आजा मुझे टिपिया दे यार
[५]
कलम जो चलती
कविता ही लिखती
कसम खुदा की ,मेरी बीबी भी न पढती
[६]
आज कल तेरे मेरे ब्लॉग के चरचे,हर जबान पर
अरे तू भी बोल्ड हो गई,और मै भी बोल्ड हो गया
विजय
मजेदार....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ,अतुल जी
हटाएंBahut Badhiya
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद ,मोनिका जी
हटाएंलिखते पढते रहिये सदा चाहे पढे न् कोय.
जवाब देंहटाएंब्लोगर तुम बन जाओगे, पढ़ना चाहे तोह
पढ़ना चाहे तोह, कमेंट्स तुम करते रहना
एक दंन हिट हो जाओगे,मानो तुम कहना,
लिखने का एक अच्छा प्रयास,...रोचक पोस्ट
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
ब्लॉगर तो बन गया हूँ भाई ,लेखक भी बनजाता
हटाएंआप तरह की समझ कहाँ मिलती कोई बतलाता
धन्यवाद
:):)
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंआपके ब्लॉग पे आए हैं, टिप्पणी करके जायेंगे
जवाब देंहटाएंआपने पोस्ट जितने लिखे सारे पढ़ के जायेंगे
आभार
यहाँ पढ ले मुझे कोई,इसी पर आश सारी है
जवाब देंहटाएंपढी रचना मेरी,बस आपकी यह मेहबानी है
आप बहुत अच्छा लिखते हैं...!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंmazedar likhe.....chaliye tipiya diya.
जवाब देंहटाएंअद्भुत .... मजेदार..
जवाब देंहटाएंसंजय भास्कर
http://sanjaybhaskar.blogspot.in
वाह!
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