शुक्रवार, 18 मई 2012

आज की बुलेटिन

ब्लॉग बुलेटिन नाम का देखा मैने ब्लॉग
मन माफिक ही टिप्पणी रखता अपने पास
रखता अपने पास,अथित भी सदा बुलाता
मगर अथित का मान नही  यह रख है पाता
बचना इससे यार ,भूल कर अथित न बनाना
अगर हिट हो गई पोस्ट ,उसे फिर वहां न दिखना
vijay

4 टिप्‍पणियां:

  1. विजय जी,.....मुझे भी अच्छा नही लगा,.....ऐसा करके उन्हों ने अपनी छोटी मानसिकता का परिचय दिया है,

    MY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
    MY RECENT POST,,,,फुहार....: बदनसीबी,.....

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  2. इस सन्दर्भ में तुलसी दास ने बहुत सही कहा है ..
    आवत ही हरषे नहीं नैनन नहीं स्नेह
    तुलसी तहां न जाइए कंचन बरसे मेह

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